केन्द्र सरकार ने हाल ही में प्रसारित राष्ट्रीय जल-नीति प्रारूप-2012 में जल को जीवन के आधार के रूप मेें वर्णित करने के साथ ही अत्यन्त चतुराई से विश्व बैंक व बडी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के सुझाए व्यापारिक प्रतिरूप (उवकमस) की क्रियान्विति के प्रस्तावों का समावेश कर इस दिशा में अपनी दूषित मानसिकता को प्रकट कर दिया है।